डॉ अम्बेडकर एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारतीय समाज में दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
*प्रारंभिक जीवन और शिक्षा*
डॉ अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र के रामबाउली में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सतारा और बॉम्बे में पूरी की और बाद में कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यू यॉर्क से एमए और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
*समाज सेवा और राजनीति*
डॉ अम्बेडकर ने अपने जीवन का अधिकांश समय दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करने में बिताया। उन्होंने 1926 में बंबई विधान परिषद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, उन्हें भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
*संविधान सभा और संविधान*
डॉ अम्बेडकर ने भारत के संविधान के मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया और भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संविधान में समानता, न्याय, और स्वतंत्रता के मूल्यों को शामिल करने के लिए काम किया।
*कृतित्व*
डॉ अम्बेडकर की कुछ प्रमुख कृतियों में शामिल हैं:
- *अनिहिलेशन ऑफ कास्ट*: यह उनकी एक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसमें उन्होंने जाति व्यवस्था की आलोचना की है।
- *हू वेयर द शूद्राज*: यह उनकी एक अन्य प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसमें उन्होंने शूद्रों के इतिहास और उनकी स्थिति पर चर्चा की है।
- *बुद्ध और उनका धम्म*: यह उनकी एक अन्य महत्वपूर्ण कृति है, जिसमें उन्होंने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों पर चर्चा की है।
*मृत्यु*
डॉ अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई थी, लेकिन उनका काम और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्हें भारतीय इतिहास में एक महान नेता और समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है।