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महात्मा गांधी की नई तालीम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

महात्मा गांधी की नई तालीम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

📅 08 Dec 2025   |   🏫 POLITICAL SCIENCE   |   👁️ 40 Unique Views

Dr Pratibha Singh
Dr Pratibha Singh
POLITICAL SCIENCE Department

महात्मा गांधी की "नई तालीम "और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

भूमिका

भारत की शिक्षा प्रणाली समय–समय पर सामाजिक आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तित होती रही है। महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तावित नई तालीम (Basic Education/ Wardha Scheme) और आधुनिक भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – दोनों ही शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, सर्वांगीण, और मूल्य-आधारित बनाने पर जोर देती हैं। यह शोध पत्र इन दोनों अवधारणाओं की तुलना करते हुए उनकी प्रासंगिकता को स्पष्ट करता है।


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महात्मा गांधी की नई तालीम

महात्मा गांधी ने 1937 में नई तालीम की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसे बेसिक एजुकेशन भी कहा जाता है। इसके मुख्य बिंदु—

1. काम और शिक्षा का समन्वय (Learning by Doing)
शिक्षा किसी उत्पादक कार्य जैसे—चरखा, हस्तकला, कृषि आदि से जुड़ी हो।


2. आत्मनिर्भरता
विद्यालय छात्रों को स्वावलंबी बनाए ताकि वे पढ़ाई के साथ उपयोगी कौशल भी सीखें।


3. मूल्य शिक्षा
सत्य, अहिंसा, सहयोग, श्रम, स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी जैसी नैतिक शिक्षाएँ।


4. मातृभाषा में शिक्षा
प्रारम्भिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में दी जाए, जिससे सीखना सरल हो।


5. सर्वांगीण विकास
बौद्धिक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर समान ध्यान।

 


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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

NEP 2020 एक व्यापक सुधार है जो शिक्षा को अधिक लचीला, कौशल आधारित और आधुनिक बनाने पर केंद्रित है। इसके मुख्य बिंदु—

1. 5+3+3+4 संरचना
नई स्कूली संरचना बच्चों के विकासानुसार बनाई गई।


2. कौशल आधारित शिक्षा (Skill-based learning)
व्यावसायिक शिक्षा, इंटर्नशिप, और कार्य-आधारित सीखने पर जोर।


3. मातृभाषा में शिक्षा
कक्षा 5 (और आवश्यकतानुसार 8) तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में पढ़ाई।


4. समग्र और बहुविषयी शिक्षा
कला, खेल, विज्ञान, व्यावसायिक विषय – सभी को समान महत्व।


5. चरित्र निर्माण और मूल्य शिक्षा
संविधानिक मूल्यों, नैतिकता, सहयोग और जिम्मेदारी पर फोकस।

 


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नई तालीम और NEP 2020 का तुलनात्मक अध्ययन

बिंदु    गांधीजी की नई तालीम    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

शिक्षा का उद्देश्य    आत्मनिर्भर, नैतिक, समाज सेवक व्यक्ति बनाना    सर्वांगीण, कौशलयुक्त और रोजगारोन्मुख नागरिक तैयार करना
सीखने की पद्धति    सीखते हुए काम करना    कौशल आधारित, प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा
भाषा नीति    मातृभाषा में शिक्षा    मातृभाषा/स्थानीय भाषा को प्राथमिकता
मूल्य शिक्षा    सत्य, अहिंसा, श्रम, सहयोग    संविधानिक मूल्य, नैतिकता, जीवन कौशल
कौशल/व्यावसायिक शिक्षा    हस्तकला, कृषि आदि के माध्यम से    आधुनिक व्यावसायिक कौशल, इंटर्नशिप, तकनीकी शिक्षा
सर्वांगीण विकास    बौद्धिक + शारीरिक + सामाजिक    मल्टीडिसिप्लिनरी, रचनात्मक, खेल और कला सहित

 

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सामानताएँ

दोनों शिक्षा को व्यावहारिक और जीवन से जुड़ा बनाते हैं।

मातृभाषा को शिक्षा की मूल भाषा मानते हैं।

छात्रों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देते हैं।

शिक्षा में मूल्यों और नैतिकता का समावेश।

सीखने की प्रक्रिया को अनुभव-आधारित बनाना।

 

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अंतर

गांधी की नई तालीम मुख्यतः ग्रामीण, हस्तकला आधारित और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित थी।

NEP 2020 आधुनिक तकनीक, डिजिटल शिक्षा, कौशल, रोजगार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखती है।

नई तालीम सरल जीवन और स्थानीय उत्पादन पर आधारित थी; जबकि NEP नवाचार, स्टार्टअप और आधुनिक उद्योगों को भी महत्व देती है।

 

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निष्कर्ष

महात्मा गांधी की नई तालीम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – दोनों भारतीय शिक्षा को अधिक मानवीय, नैतिक, और जीवनोपयोगी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। जहाँ नई तालीम का उद्देश्य समाज सेवा और आत्मनिर्भरता था, वहीं NEP 2020 एक आधुनिक, तकनीकी और वैश्विक दृष्टि से सक्षम शिक्षा प्रणाली स्थापित करती है। दोनों की सम्मिलित विशेषताएँ आज के भारत के लिए एक संतुलित और सशक्त शिक्षा मॉडल प्रस्तुत करती हैं।


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